The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing

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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥

पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।

संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा

सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥

काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥

Shodashi’s mantra helps devotees release previous grudges, ache, and negativity. By chanting this mantra, people cultivate forgiveness and psychological release, selling reassurance and a chance to move ahead with grace and acceptance.

या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।

संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi

देवीं कुलकलोल्लोलप्रोल्लसन्तीं शिवां पराम् ॥१०॥

click here यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram

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